Homeless Upliftment and Rehabilitation Scheme

Introduction
माननीय मंत्री, महोदय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, राजस्थान सरकार की अध्यक्षता में दिनांक 03.01.2023 को राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार उक्त नीति को चरणबद्ध रूप में लागू किया जायेगा। प्रथम चरण की कार्ययोजना निम्न प्रकार है:-
1. बेघर व्यक्तियों का चिन्हीकरण / सर्वे -
माननीय मंत्री महोदय की अध्यक्षता में टास्क फोर्स कमेठी की बैठक दिनांक 03.01.23 के निर्णय अनुसार बेघर व्यक्तियों का प्रथम चरण में राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति, 2022 के बिन्दु संख्या 2.2 (a) (c) में उल्लेखित परिभाषा के अनुसार 07 सम्भागीय जिलों (बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर, कोटा एवं उदयपुर) में सर्वे किया जायेगा।
उक्त जिलों के ग्रामीण क्षेत्र में बेघर व्यक्तियों का सर्वेक्षण पंचायती राज संस्थाओं यथा ग्राम पंचायत (जीपी) / पंचायत समिति (पीएस) द्वारा किया जाएगा, इस हेतु बने नीति के अनुरूप यथा - ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम सेवकों / सेविकाओं / राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के सहयोग से किया जाएगा, जिसकें लिए विभाग द्वारा निर्धारित 20 रूपयें प्रति व्यक्ति प्रति सर्वे मानदेय दिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्र में पंचायती राज संस्थाओं द्वारा कियें गए सर्वे सूचिओं को ग्राम सभाओं में प्रस्तुत कर अनुमोदित किया जाएगा। मानदेय राशि सर्वे उपरान्त ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा हस्तानान्तरित किया जायेगा।
बेघर व्यक्तियों का पहचान पत्र जारी करना :-
पहचान कार्ड केवल विशिष्ट समयावधि में पहचान और पुनर्वास के सीमित उद्देश्य के लिए ही होगा। दिशा निर्देशों के अनुरूप प्रत्येक बेघर से उसके या उसके परिवार के बारे में आवश्यक सूचनाएँ भी एकत्रित की जाएंगी।
बेघर कार्ड जारी करने की प्रक्रिया :-
ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे में चिन्हित बेघर व्यक्तियों को कार्ड ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित सूची में सम्मिलित व्यक्तियों / परिवारों को संबंधित ब्लॉक विकास अधिकारी द्वारा जारी किया जायेगा।
शहरी क्षेत्र में अनुमोदित सर्वे सूची के आधार पर बेघर व्यक्तियों को कार्ड संबंधित नगर निकाय (नगर निगम/नगर परिषद्/नगरपालिका) के आयुक्त/मुख्य कार्यकारी अधिकारी / अधिशाषी अधिकारी द्वारा जारी किये जायेगें।
बेघर व्यक्तियों को पहचान-पत्र राजस्थान बेघर उत्थान एवु पुनर्वास नीति, 2022 के सारणी-2 प्रपत्र में जारी किया जायेगा।
प्रत्येक पहचान-पत्र के लिए, जारी करने वाली एजेन्सी को राशि रूपयें 100 प्रति पहचान-पत्र देय होगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिलाधिकारी द्वारा पहचान पत्र जारी कने वाली एजेन्सी को भुगतान किया जायेगा।
बेघर व्यक्तियों का पुनर्वास एवं अस्थाई शेल्टर हॉम :-
बेघर व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु प्रथम चरण में संभाग स्तर पर अस्थाई शेल्टर हॉम का संचालन नगरीय विकास एवं आवासन विभाग तथा स्वायत्त शासन विभाग द्वारा संचालित किए जायेगें। उक्त विभागों को चरणबद्ध रूप में अस्थाई शेल्टर हॉम संचालन जायेगी।
बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति के तहत इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि जो (Survey of families living under the sky) लोग रोजगार की तलाश में बड़े शहरों और अन्य स्थानों पर रह रहे हैं, उनको आसानी से रोजगार भी उपलब्ध हो सके. इसी को लेकर सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग की ओर से तमाम नगर निकायों से जमीन मांगी गई है, जिससे वहां पर बेहतर आश्रय स्थल बनाया जा सके.
तीन स्तर पर होगा सर्वे : बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022 के लागू होने के बाद नीति के क्रियान्वयन के संबंध में टास्क फोर्स समिति की पहली बैठक में हितधारकों की ओर से आगामी 2 महीनों में बेघर व्यक्तियों का सर्वे पूर्ण करवाए जाने पर सहमति व्यक्त की गई. मंत्री जूली ने कहा कि सर्वे में आने वाले निष्कर्षों के आधार पर योजना की आगामी रूपरेखा तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि सर्वे का कार्य संभाग स्तर, जिला स्तर और ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाएगा.
ग्रामीण स्तर पर सर्वे कार्य पंचायती राज संस्थाओं की ओर से तथा शहरी स्तर पर स्वयंसेवी संगठनों की ओर से किए जाने पर हितधारकों की ओर से सहमति व्यक्त की गई. उन्होंने कहा कि बेघर व्यक्तियों को पर्याप्त आवास व्यवस्था के साथ आश्रम उपलब्ध कराना तथा उनको विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जाएगा. साथ ही पर्याप्त रोजगार सृजन के साथ प्रशिक्षण के अवसर सहित स्वरोजगार एवं सामाजिक हकों की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी.
ये है पुनर्वास नीति : बता दें कि ‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022’ नीति के (Policy for Homeless Families) अंतर्गत 50 वर्ग फीट प्रति व्यक्ति की न्यूनतम जगह के साथ छत उपलब्ध कराने के प्रावधान किए गए हैं. साथ ही विशेष श्रेणी के लोगों को समुचित निजता एवं सुरक्षा उपलब्ध करवाए जाने संबंधी प्रावधान किए गए हैं. नीति में पेयजल, चिकित्सा सुविधा, शिक्षा, सुरक्षा आदि जैसी मूलभूत आवश्यकताएं भी उपलब्ध करवाने एवं बेघर व्यक्तियों के लिए शेल्टर्स गृह का संचालन करने सहित विभिन्न प्रावधान है. इस निर्णय से बेघरों को शिक्षा, कौशल एवं रोजगार उपलब्ध करवाया जाकर सशक्त बनाया जाएगा. वहीं, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने नवजीवन योजना के ऑनलाइन पोर्टल तथा विभागीय अधिकारियों के लिए ऑनलाइन रैंकिंग डैशबोर्ड का शुभारंभ किया.
1. बेघर व्यक्तियों का चिन्हीकरण / सर्वे -
माननीय मंत्री महोदय की अध्यक्षता में टास्क फोर्स कमेठी की बैठक दिनांक 03.01.23 के निर्णय अनुसार बेघर व्यक्तियों का प्रथम चरण में राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति, 2022 के बिन्दु संख्या 2.2 (a) (c) में उल्लेखित परिभाषा के अनुसार 07 सम्भागीय जिलों (बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर, कोटा एवं उदयपुर) में सर्वे किया जायेगा।
उक्त जिलों के ग्रामीण क्षेत्र में बेघर व्यक्तियों का सर्वेक्षण पंचायती राज संस्थाओं यथा ग्राम पंचायत (जीपी) / पंचायत समिति (पीएस) द्वारा किया जाएगा, इस हेतु बने नीति के अनुरूप यथा - ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम सेवकों / सेविकाओं / राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के सहयोग से किया जाएगा, जिसकें लिए विभाग द्वारा निर्धारित 20 रूपयें प्रति व्यक्ति प्रति सर्वे मानदेय दिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्र में पंचायती राज संस्थाओं द्वारा कियें गए सर्वे सूचिओं को ग्राम सभाओं में प्रस्तुत कर अनुमोदित किया जाएगा। मानदेय राशि सर्वे उपरान्त ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा हस्तानान्तरित किया जायेगा।
बेघर व्यक्तियों का पहचान पत्र जारी करना :-
पहचान कार्ड केवल विशिष्ट समयावधि में पहचान और पुनर्वास के सीमित उद्देश्य के लिए ही होगा। दिशा निर्देशों के अनुरूप प्रत्येक बेघर से उसके या उसके परिवार के बारे में आवश्यक सूचनाएँ भी एकत्रित की जाएंगी।
बेघर कार्ड जारी करने की प्रक्रिया :-
ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे में चिन्हित बेघर व्यक्तियों को कार्ड ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित सूची में सम्मिलित व्यक्तियों / परिवारों को संबंधित ब्लॉक विकास अधिकारी द्वारा जारी किया जायेगा।
शहरी क्षेत्र में अनुमोदित सर्वे सूची के आधार पर बेघर व्यक्तियों को कार्ड संबंधित नगर निकाय (नगर निगम/नगर परिषद्/नगरपालिका) के आयुक्त/मुख्य कार्यकारी अधिकारी / अधिशाषी अधिकारी द्वारा जारी किये जायेगें।
बेघर व्यक्तियों को पहचान-पत्र राजस्थान बेघर उत्थान एवु पुनर्वास नीति, 2022 के सारणी-2 प्रपत्र में जारी किया जायेगा।
प्रत्येक पहचान-पत्र के लिए, जारी करने वाली एजेन्सी को राशि रूपयें 100 प्रति पहचान-पत्र देय होगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिलाधिकारी द्वारा पहचान पत्र जारी कने वाली एजेन्सी को भुगतान किया जायेगा।
बेघर व्यक्तियों का पुनर्वास एवं अस्थाई शेल्टर हॉम :-
बेघर व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु प्रथम चरण में संभाग स्तर पर अस्थाई शेल्टर हॉम का संचालन नगरीय विकास एवं आवासन विभाग तथा स्वायत्त शासन विभाग द्वारा संचालित किए जायेगें। उक्त विभागों को चरणबद्ध रूप में अस्थाई शेल्टर हॉम संचालन जायेगी।
बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति के तहत इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि जो (Survey of families living under the sky) लोग रोजगार की तलाश में बड़े शहरों और अन्य स्थानों पर रह रहे हैं, उनको आसानी से रोजगार भी उपलब्ध हो सके. इसी को लेकर सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग की ओर से तमाम नगर निकायों से जमीन मांगी गई है, जिससे वहां पर बेहतर आश्रय स्थल बनाया जा सके.
तीन स्तर पर होगा सर्वे : बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022 के लागू होने के बाद नीति के क्रियान्वयन के संबंध में टास्क फोर्स समिति की पहली बैठक में हितधारकों की ओर से आगामी 2 महीनों में बेघर व्यक्तियों का सर्वे पूर्ण करवाए जाने पर सहमति व्यक्त की गई. मंत्री जूली ने कहा कि सर्वे में आने वाले निष्कर्षों के आधार पर योजना की आगामी रूपरेखा तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि सर्वे का कार्य संभाग स्तर, जिला स्तर और ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाएगा.
ग्रामीण स्तर पर सर्वे कार्य पंचायती राज संस्थाओं की ओर से तथा शहरी स्तर पर स्वयंसेवी संगठनों की ओर से किए जाने पर हितधारकों की ओर से सहमति व्यक्त की गई. उन्होंने कहा कि बेघर व्यक्तियों को पर्याप्त आवास व्यवस्था के साथ आश्रम उपलब्ध कराना तथा उनको विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जाएगा. साथ ही पर्याप्त रोजगार सृजन के साथ प्रशिक्षण के अवसर सहित स्वरोजगार एवं सामाजिक हकों की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी.
ये है पुनर्वास नीति : बता दें कि ‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022’ नीति के (Policy for Homeless Families) अंतर्गत 50 वर्ग फीट प्रति व्यक्ति की न्यूनतम जगह के साथ छत उपलब्ध कराने के प्रावधान किए गए हैं. साथ ही विशेष श्रेणी के लोगों को समुचित निजता एवं सुरक्षा उपलब्ध करवाए जाने संबंधी प्रावधान किए गए हैं. नीति में पेयजल, चिकित्सा सुविधा, शिक्षा, सुरक्षा आदि जैसी मूलभूत आवश्यकताएं भी उपलब्ध करवाने एवं बेघर व्यक्तियों के लिए शेल्टर्स गृह का संचालन करने सहित विभिन्न प्रावधान है. इस निर्णय से बेघरों को शिक्षा, कौशल एवं रोजगार उपलब्ध करवाया जाकर सशक्त बनाया जाएगा. वहीं, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने नवजीवन योजना के ऑनलाइन पोर्टल तथा विभागीय अधिकारियों के लिए ऑनलाइन रैंकिंग डैशबोर्ड का शुभारंभ किया.
Academic Year:
2024-25
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