जैविक खेती
ਫੰਡਿਡ:
राज्य सरकार द्वारा
ਸਕੀਮ ਦੀ ਕਿਸਮ:
व्यक्तिगत
Introduction
उद्देश्य-
परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के अन्तर्गत जैविक खेती को बढावा देने हेतु यह क्लस्टर आधारित कार्यक्रम है।
इसमें 50 हेक्टेयर अथवा 20 हैक्टेयर क्षेत्र का एक क्लस्टर में जैविक खेती का कार्यक्रम लिया जाता है।
इस योजना के अन्तर्गत क्लस्टर एप्रोच एवं पी.जी.एस. सर्टिफिकेशन के माध्यम से जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाता है।
इसके द्वारा पर्यावरण संरक्षित कृषि को बढावा देकर पैदावार में वृदि हेतु रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम की जा सकती है।
सभी जिलों में क्लस्टर क्रियान्वित किये जा रहे है।
परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के अन्तर्गत जैविक खेती को बढावा देने हेतु यह क्लस्टर आधारित कार्यक्रम है।
इसमें 50 हेक्टेयर अथवा 20 हैक्टेयर क्षेत्र का एक क्लस्टर में जैविक खेती का कार्यक्रम लिया जाता है।
इस योजना के अन्तर्गत क्लस्टर एप्रोच एवं पी.जी.एस. सर्टिफिकेशन के माध्यम से जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाता है।
इसके द्वारा पर्यावरण संरक्षित कृषि को बढावा देकर पैदावार में वृदि हेतु रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम की जा सकती है।
सभी जिलों में क्लस्टर क्रियान्वित किये जा रहे है।
ਸਕੀਮ ਲਈ ਯੋਗਤਾ:
कृषक के स्वयं के नाम से भूमि।
कम से कम 0.4 हैक्टेयर भूमि आवश्यक। 0.4 हैक्टेयर से 2.0 हैक्टेयर तक अनुदान सहायता
चयनित कृषक को तीन वर्ष तक विभिन्न गतिविधियों हेतु सहायता का प्रावधान।
कम से कम 0.4 हैक्टेयर भूमि आवश्यक। 0.4 हैक्टेयर से 2.0 हैक्टेयर तक अनुदान सहायता
चयनित कृषक को तीन वर्ष तक विभिन्न गतिविधियों हेतु सहायता का प्रावधान।
ਸਕੀਮ ਦੇ ਲਾਭ;
देय लाभ-
परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत प्रथम वर्ष में कम्पोनेन्ट/गतिविधिवार कृषकों को देय सहायता।
1 भूमि का जैविक परिवर्तन - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
2 फसल पद्धति एवं जैविक बीज हेतु सहायता - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
3 परंपरागत जैविक आदान उत्पादन ईकाई की स्थापना 1000/- रूपये प्रति इकाई की स्थापना हेतु प्रति कृषक
4 ढेंचा/ सनई प्रयोग हेतु सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक (प्रथम वर्ष)
5 फॉस्फेट युक्त जैविक खाद का प्रयोग - फॉस्फेट रिच जैविक खाद का प्रयोग करने हेतु रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
6 वर्मीकम्पोस्ट ईकाई का निर्माण - चयनित कृषक द्वारा वर्मीकम्पोस्ट ईकाई का निर्माण करने पर (आकार 7 फीट लम्बाई , 3 फीट चौडाई व 1.5' ऊंचाई ) रूपये 5000/- प्रति ईकाई
7 जैव उर्वरक / जैव कीटनाशी / वेस्ट डिकम्पोज़र पर सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
देय लाभ - 12000/- प्रति कृषक
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परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत द्वितीय व तृतीय वर्ष में कम्पोनेन्ट/गतिविधिवार कृषकों को देय सहायता।
द्वितीय वर्ष (कृषकों को देय सहायता)
1 भूमि का जैविक परिवर्तन - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
2 फसल पद्धति एवं जैविक बीज हेतु सहायता - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
3 ढेंचा/ सनई प्रयोग हेतु सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
4 जैव उर्वरक / जैव कीटनाशी / वेस्ट डिकम्पोज़र पर सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
5 फॉस्फेट रिच जैविक खाद (PROM) - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
6 वानस्पतिक काढ़ा इकाई की स्थापना - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर प्रति इकाई
7 वर्मी कम्पोस्टिंग की सामग्री तथा गाय / भैंस का ताजा गोबर - रूपये 3000/- प्रति कृषक प्रति इकाई
योग रूपये 10,000/- प्रति कृषक
तृतीय वर्ष (कृषकों को देय सहायता)
1 भूमि का जैविक परिवर्तन - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
2 फसल पद्धति एवं जैविक बीज हेतु सहायता - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
3 ढेंचा/ सनई प्रयोग हेतु सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
4 जैव उर्वरक / जैव कीटनाशी / वेस्ट डिकम्पोज़र पर सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
5 फॉस्फेट रिच जैविक खाद (PROM) - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
6 वानस्पतिक काढ़ा इकाई की स्थापना - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर प्रति इकाई
7 वर्मी कम्पोस्टिंग की सामग्री तथा गाय / भैंस का ताजा गोबर - रूपये 3000/- प्रति कृषक प्रति इकाई
योग रूपये 9,000/- प्रति कृषक
परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत प्रथम वर्ष में कम्पोनेन्ट/गतिविधिवार कृषकों को देय सहायता।
1 भूमि का जैविक परिवर्तन - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
2 फसल पद्धति एवं जैविक बीज हेतु सहायता - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
3 परंपरागत जैविक आदान उत्पादन ईकाई की स्थापना 1000/- रूपये प्रति इकाई की स्थापना हेतु प्रति कृषक
4 ढेंचा/ सनई प्रयोग हेतु सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक (प्रथम वर्ष)
5 फॉस्फेट युक्त जैविक खाद का प्रयोग - फॉस्फेट रिच जैविक खाद का प्रयोग करने हेतु रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
6 वर्मीकम्पोस्ट ईकाई का निर्माण - चयनित कृषक द्वारा वर्मीकम्पोस्ट ईकाई का निर्माण करने पर (आकार 7 फीट लम्बाई , 3 फीट चौडाई व 1.5' ऊंचाई ) रूपये 5000/- प्रति ईकाई
7 जैव उर्वरक / जैव कीटनाशी / वेस्ट डिकम्पोज़र पर सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
देय लाभ - 12000/- प्रति कृषक
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परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत द्वितीय व तृतीय वर्ष में कम्पोनेन्ट/गतिविधिवार कृषकों को देय सहायता।
द्वितीय वर्ष (कृषकों को देय सहायता)
1 भूमि का जैविक परिवर्तन - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
2 फसल पद्धति एवं जैविक बीज हेतु सहायता - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
3 ढेंचा/ सनई प्रयोग हेतु सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
4 जैव उर्वरक / जैव कीटनाशी / वेस्ट डिकम्पोज़र पर सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
5 फॉस्फेट रिच जैविक खाद (PROM) - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
6 वानस्पतिक काढ़ा इकाई की स्थापना - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर प्रति इकाई
7 वर्मी कम्पोस्टिंग की सामग्री तथा गाय / भैंस का ताजा गोबर - रूपये 3000/- प्रति कृषक प्रति इकाई
योग रूपये 10,000/- प्रति कृषक
तृतीय वर्ष (कृषकों को देय सहायता)
1 भूमि का जैविक परिवर्तन - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
2 फसल पद्धति एवं जैविक बीज हेतु सहायता - रूपये 1500/- प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक
3 ढेंचा/ सनई प्रयोग हेतु सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
4 जैव उर्वरक / जैव कीटनाशी / वेस्ट डिकम्पोज़र पर सहायता - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
5 फॉस्फेट रिच जैविक खाद (PROM) - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर
6 वानस्पतिक काढ़ा इकाई की स्थापना - रूपये 1000/- प्रति हेक्टेयर प्रति इकाई
7 वर्मी कम्पोस्टिंग की सामग्री तथा गाय / भैंस का ताजा गोबर - रूपये 3000/- प्रति कृषक प्रति इकाई
योग रूपये 9,000/- प्रति कृषक
ਸਕੀਮ ਲਈ ਅਰਜ਼ੀ ਕਿਵੇਂ ਦੇਣੀ ਹੈ:
जैविक खेती के समूह में शामिल होने के लिए अपने क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक से संपर्क करें।
ਸਕੀਮ ਦੀ ਆਖਰੀ ਮਿਤੀ:
चालू वित्तीय वर्ष
Official Website:
ਐਪਲੀਕੇਸ਼ਨ ਸਿਸਟਮ:
Offline / Online
Help Center:
ਸਕੀਮ ਵਿੱਚ ਅਰਜ਼ੀ ਫਾਰਮ ਭਰਨ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤੀ ਮਿਤੀ:
01-04-2025
ਸਕੀਮ ਲਈ ਅਰਜ਼ੀ ਫਾਰਮ ਭਰਨ ਦੀ ਆਖਰੀ ਮਿਤੀ:
31-03-2026
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