जिप्सम
ਫੰਡਿਡ:
राज्य सरकार द्वारा
ਸਕੀਮ ਦੀ ਕਿਸਮ:
व्यक्तिगत
Introduction
जिप्सम में 16 से 19 प्रतिशत कैल्शियम एवं 13 से 16 प्रतिशत सल्फर होता है।
इसका उपयोग क्षारीय भूमि सुधार हेतु : मृदा सुधारक के रूप में खेत की मिद्टी की जांच रिपोर्ट में दर्शाई जिप्सम की आवश्यक मात्रा (जी0आर0 वैल्यू ) के आधार पर किया जाता है।
इससे भूमि की भौतिक दशा सुधरती है एवं उर्वरता में वृद्धि होती है
पोषक तत्वों के रूप में: बुवाई से पहले या बुवाई के समय खेत में 250 किलोग्राम जिप्सम प्रति हेक्टेयर डालने से तिलहन में तेल की मात्रा में एवं दलहन में प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि होती है। दाने सुडोल व चमकदार बनते है
इसका उपयोग क्षारीय भूमि सुधार हेतु : मृदा सुधारक के रूप में खेत की मिद्टी की जांच रिपोर्ट में दर्शाई जिप्सम की आवश्यक मात्रा (जी0आर0 वैल्यू ) के आधार पर किया जाता है।
इससे भूमि की भौतिक दशा सुधरती है एवं उर्वरता में वृद्धि होती है
पोषक तत्वों के रूप में: बुवाई से पहले या बुवाई के समय खेत में 250 किलोग्राम जिप्सम प्रति हेक्टेयर डालने से तिलहन में तेल की मात्रा में एवं दलहन में प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि होती है। दाने सुडोल व चमकदार बनते है
ਸਕੀਮ ਲਈ ਯੋਗਤਾ:
समस्त किसान।
अनुदान राशि
जिप्सम पर जिलेवार निर्धारित कुल दर का 50 प्रतिशत अनुदान, अधिकतम 2 हैक्टेर क्षेत्र प्रति कृषक को देय है।
ਸਕੀਮ ਲਈ ਅਰਜ਼ੀ ਕਿਵੇਂ ਦੇਣੀ ਹੈ:
पोषक तत्वों के रूप में जिप्सम की मांग हेतु विभाग द्वारा निर्धारित प्रार्थना पत्र में आवेदन करे।
क्षारीय भूमि सुधार हेतु मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार जिप्सम की आवश्यक मात्रा (जी0आर0 वैल्यू ) भरकर आवेदन करे।
क्षारीय भूमि सुधार हेतु मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार जिप्सम की आवश्यक मात्रा (जी0आर0 वैल्यू ) भरकर आवेदन करे।
Note:-
प्राप्ति स्रोत्र-
केवीएसएस/ जीएसएस।
केवीएसएस/ जीएसएस।
Academic Year:
2024-25
Official Website:
ਐਪਲੀਕੇਸ਼ਨ ਸਿਸਟਮ:
Online
Help Center:
ਸਕੀਮ ਵਿੱਚ ਅਰਜ਼ੀ ਫਾਰਮ ਭਰਨ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤੀ ਮਿਤੀ:
01-04-2025
ਸਕੀਮ ਲਈ ਅਰਜ਼ੀ ਫਾਰਮ ਭਰਨ ਦੀ ਆਖਰੀ ਮਿਤੀ:
31-03-2026
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