ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਬੀਜ ਸਵਾਵਲੰਬਨ ਯੋਜਨਾ
ਸਕੀਮ ਸ਼ੁਰੂ:
2017 - 2018
ਫੰਡਿਡ:
State
ਸਕੀਮ ਦੀ ਕਿਸਮ:
व्यक्तिगत
Introduction
मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना
राज्य में किसानों द्वारा स्वयं के उपयोग हेतु उनके खेतों पर गुणवत्तायुक्त उन्नत बीज उत्पादन किये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना वर्ष 2017-18 में प्रारम्भ की गई। राज्य निधि की इस योजना की शुरूआत पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में राज्य के कोटा, भीलवाड़ा एवं उदयपुर कृषि खंडों में की गई। वर्ष 2018-19 से योजना का विस्तार किया जाकर राज्य के सभी खण्डों में योजना की क्रियान्विति की जा रही है।
योजनान्तर्गतः-
1. फसल का चयनः-
खरीफ सीजन में ज्वार, सोयाबीन, मूंगफली, मूंग, मोठ एवं उड़द तथा रबी सीजन में गैंहूं, जौ, चना फसलों की 10 वर्ष से कम अवधि की अधिसूचित किस्मों का बीज उत्पादन कार्यक्रम।
2. कृषक समूह का गठनः-
योजनान्तर्गत प्रगतिशील एवं फसल विशेष की खेती में रूचि रखने वाले कृषको का चयन कर समूह का गठन किया जाता है। प्रत्येक समूह में 30 से 50 कृषकों का चयन, जिनके द्वारा उस फसल का सामान्यतः बोया जाने वाला क्षेत्रफल 50 से 100 हैक्टर तक होगा।
3. समूह में बीज उत्पादक सदस्यों का चयनः-
कृषक समूह में से आवश्यकतानुसार 2-4 बीज उत्पादक कृषकों का चयन समूह द्वारा ही किया जाता है। समूह में शेष वे कृषक होंगे, जो उक्त उत्पादित बीज को आगामी वर्ष में बुआई हेतु उपयोग में लेंगे।
4. निःशुल्क बीज वितरणः-
प्रत्येक कृषक समूह के बीज उत्पादक कृषकों को वांछित आधार/प्रमाणित बीज (स्टेज-प्) निःशुल्क उपलब्ध करवाये जाने का प्रावधान।
5. बीज उत्पादन हेतु प्रशिक्षण एवं रोगिंगः-
एक समूह के एक दिवसीय प्रशिक्षण पर प्रति कृषक 30/- रुपये एवं प्रति प्रशिक्षण अधिकतम 1500/- रुपये व्यय किये जाने का प्रावधान है। समूह के किसानों को बीज उत्पादन प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी देने के लिए एक दिवसीय तीन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। रोगिंग हेतु कृषको को किया जाने वाला भुगतान (1000/-रुपये/हैक्ट.) डी.बी.टी./आर.टी.जी.एस. के माध्यम से संबंधित बीज उत्पादक कृषक के खाते में किया जाता है।
राज्य में किसानों द्वारा स्वयं के उपयोग हेतु उनके खेतों पर गुणवत्तायुक्त उन्नत बीज उत्पादन किये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना वर्ष 2017-18 में प्रारम्भ की गई। राज्य निधि की इस योजना की शुरूआत पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में राज्य के कोटा, भीलवाड़ा एवं उदयपुर कृषि खंडों में की गई। वर्ष 2018-19 से योजना का विस्तार किया जाकर राज्य के सभी खण्डों में योजना की क्रियान्विति की जा रही है।
योजनान्तर्गतः-
1. फसल का चयनः-
खरीफ सीजन में ज्वार, सोयाबीन, मूंगफली, मूंग, मोठ एवं उड़द तथा रबी सीजन में गैंहूं, जौ, चना फसलों की 10 वर्ष से कम अवधि की अधिसूचित किस्मों का बीज उत्पादन कार्यक्रम।
2. कृषक समूह का गठनः-
योजनान्तर्गत प्रगतिशील एवं फसल विशेष की खेती में रूचि रखने वाले कृषको का चयन कर समूह का गठन किया जाता है। प्रत्येक समूह में 30 से 50 कृषकों का चयन, जिनके द्वारा उस फसल का सामान्यतः बोया जाने वाला क्षेत्रफल 50 से 100 हैक्टर तक होगा।
3. समूह में बीज उत्पादक सदस्यों का चयनः-
कृषक समूह में से आवश्यकतानुसार 2-4 बीज उत्पादक कृषकों का चयन समूह द्वारा ही किया जाता है। समूह में शेष वे कृषक होंगे, जो उक्त उत्पादित बीज को आगामी वर्ष में बुआई हेतु उपयोग में लेंगे।
4. निःशुल्क बीज वितरणः-
प्रत्येक कृषक समूह के बीज उत्पादक कृषकों को वांछित आधार/प्रमाणित बीज (स्टेज-प्) निःशुल्क उपलब्ध करवाये जाने का प्रावधान।
5. बीज उत्पादन हेतु प्रशिक्षण एवं रोगिंगः-
एक समूह के एक दिवसीय प्रशिक्षण पर प्रति कृषक 30/- रुपये एवं प्रति प्रशिक्षण अधिकतम 1500/- रुपये व्यय किये जाने का प्रावधान है। समूह के किसानों को बीज उत्पादन प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी देने के लिए एक दिवसीय तीन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। रोगिंग हेतु कृषको को किया जाने वाला भुगतान (1000/-रुपये/हैक्ट.) डी.बी.टी./आर.टी.जी.एस. के माध्यम से संबंधित बीज उत्पादक कृषक के खाते में किया जाता है।
ਸਕੀਮ ਲਈ ਯੋਗਤਾ:
Farmers, who are interested in progressive and crop-specific farming.
ਲੋੜੀਂਦੇ ਦਸਤਾਵੇਜ਼:
Copy of Aadhaar Card.
Copy of Bank Passbook.
Copy of Bank Passbook.
ਸਕੀਮ ਲਈ ਅਰਜ਼ੀ ਕਿਵੇਂ ਦੇਣੀ ਹੈ:
Offline-
Applicant farmers have to go to the Agriculture Department office or Krishi Vigyan Kendra of your district to get the benefit of Mukhyamantri Swavalamban Yojana.
Get the application form to apply under this scheme.
Enter all the necessary information asked in the form carefully.
Attach the required documents with the application form.
Submit the application form to the same agriculture department.
Applicant farmers have to go to the Agriculture Department office or Krishi Vigyan Kendra of your district to get the benefit of Mukhyamantri Swavalamban Yojana.
Get the application form to apply under this scheme.
Enter all the necessary information asked in the form carefully.
Attach the required documents with the application form.
Submit the application form to the same agriculture department.
Academic Year:
2024-25
Official Website:
ਐਪਲੀਕੇਸ਼ਨ ਸਿਸਟਮ:
Offline
Help Center:
ईमेल → rajbalikasf@gmail.com मोबाईल नंबर → +91-6376248644
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